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'सारा आकाश ' की मूल समस्याओं का वर्णन पठित १० पन्थो के अधर पर करें ?

'सारा आकाश ' उपन्यास के लेखक ने हमारे समाज की ढेर सारी समस्याओं को अपने उपन्यास का मूल बनाया है और सारा का सारा उपन्यास इन समस्याओं के चरों और केन्द्रत हैं | उपन्यास के लेखक श्री राजेंद्र यादव जी ने एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार को केंद्र में रखकर उनकी समस्याओं का वर्णन किया है | उन्होंने अपने उपन्यास में बाल विवाह , महिला उत्पीडन ,दहेज़ प्रथा ,लड़कियों को कम पढ़ाना और समाज की संवेदनहीनता आदि |
उन्होंने मुन्नी को बल विवाहिता,प्रताड़ित तथा कम पढ़ी लिखी युवती की तरह पेश किया है|

राजेंद्र यादव जी के समय देश में यह सारी समस्याएं काफी प्रचुर थी | लोग बाल विवाह दहेज़ को धार्मिक कार्य का नाम देकर उसे वैचारिक सार्थकता  देते हैं |
वे हर जगह लाभ-हानी देखते हैं |"हमारे घर में मुन्नी ही  सबसें अभागिन है | मुझसे दो साल छोटी है फिर भी दो -तीन साल पहले सोलह -सत्रह की उम्र में उसकी पढाई छुडाकर शादी कर दी गयी|"  

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